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वैदिक नारी : उपेक्षित भी और प्रताड़ित भी

वैदिककालीन साहित्य में कन्या जन्म एवं उसके लालन-पालन में पुत्र के समान स्तर के सम्बन्ध में परस्पर विरोधी तथ्य सामने आते है। वृहदारण्यक उपनिषद् में कन्या जन्म का ‘दुहिता में पांडित्य जायते’ कहकर आदर किया गया है एवं वाराह गृह-सुत्र में सुन्दर कन्याओं की उत्पत्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की गई है। यहाँ कन्या के प्रति कुछ श्लोकों में पुत्री के प्रति स्नेह की अभिव्यक्ति भी मिलती है5 एवं अभिभावक एवं उसकी पुत्री के सम्बन्धों की स्वर्ग एवं पृथ्वी की उपमा द्वारा अभिव्यक्ति की गई है। वृहदारण्यक उपनिषद् में विदुषी पुत्री के जन्म की कामना करने के लिए एक अनुष्ठान का उल्लेख मिलता है। लेकिन अथर्ववेद में कहा गया है कि हमारे यहाँ पुत्र का जन्म हो और कन्या का जन्म किसी ओर के घर में हो। आगे कहा गया है कि पुत्र के बाद पुत्र का ही जन्म हो न कि कन्या का। तैतिरीय संहिता के अनुसार पुत्र का जन्म होने पर पिता आनन्दपूर्वक माता के पास लेटे हुए नवजात शिशु को उठा लेता था किन्तु यदि कन्या होती थी तो उसे वहीं लेटे रहने देता था। ऐतरेय ब्राह्यण में तो कन्या की उत्पिŸा को स्पष्ट शोक का कारण माना गया है। लेकिन आगे चलकर कन्या

माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के लिए परीक्षा की तिथि COMPULSARY PAPER POLITICALSCIENCE

<script data-ad-client="ca-pub-5490983871349445" async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के लिए परीक्षा की तिथि घोषित-       9  नवम्बर।  नए सिलेबस के अनुसार परीक्षा के दो भाग होंगे -                                     भाग एक  सभी विषयो के लिए अनिवार्य है।यह प्रश्नपत्र 50 अंक का होगा।  इसमें प्रश्न दो प्रकार के पूछे जाएंगे।                                     1. शि क्षण कला एवं दक्षता (TEACHING  APTITUDE )- 25 - 30  अंक                                      2 .रीजनिंग  (REASONING ) -20 - 25  अंक                      भाग दूसरा ,परीक्षार्थी के अपने विषय से होगा।  यह पश्नपत्र 100 अंको का होगा।   इस प्रश्न पत्र का स्टैण्डर्ड माध्यमिक  परीक्षा  के लिए स्नातक स्तर  का और उच्चत्तर माध्यमिक के लिए M .A .स्तर का होगा। माध्यमिक स्तर  की परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र का विभाजन चार भागों में किया गया है :-                                            1 .इतिहास                 

माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के लिएशिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 GEOGRAPHY

माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के लिएशिक्षक पात्रता  परीक्षा    तिथि घोषित-       9  नवम्बर।  नए सिलेबस के अनुसार परीक्षा के दो भाग होंगे -                                     भाग एक  सभी विषयो के लिए अनिवार्य है।यह प्रश्नपत्र 50 अंक का होगा।  इसमें प्रश्न दो प्रकार के पूछे जाएंगे।                                     1. शि क्षण कला एवं दक्षता (TEACHING  APTITUDE )- 25 - 30  अंक                                      2 .रीजनिंग  (REASONING ) -20 - 25  अंक                      भाग दूसरा ,परीक्षार्थी के अपने विषय से होगा।  यह पश्नपत्र 100 अंको का होगा।   इस प्रश्न पत्र का स्टैण्डर्ड माध्यमिक  परीक्षा  के लिए स्नातक स्तर  का और उच्चत्तर माध्यमिक के लिए M .A .स्तर का होगा। माध्यमिक स्तर  की परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र का विभाजन चार भागों में किया गया है :-                                            1 .इतिहास                         25  अंक                                            2 .भूगोल                            25 अंक                                   

माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक पात्रता के लिए परीक्षा HISTORY

माध्यमिक और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों के लिएशिक्षक पात्रता  परीक्षा    तिथि घोषित-       9  नवम्बर।  नए सिलेबस के अनुसार परीक्षा के दो भाग होंगे -                                     भाग एक  सभी विषयो के लिए अनिवार्य है।यह प्रश्नपत्र 50 अंक का होगा।  इसमें प्रश्न दो प्रकार के पूछे जाएंगे।                                     1. शि क्षण कला एवं दक्षता (TEACHING  APTITUDE )- 25 - 30  अंक                                      2 .रीजनिंग  (REASONING ) -20 - 25  अंक                      भाग दूसरा ,परीक्षार्थी के अपने विषय से होगा।  यह पश्नपत्र 100 अंको का होगा।   इस प्रश्न पत्र का स्टैण्डर्ड माध्यमिक  परीक्षा  के लिए स्नातक स्तर  का और उच्चत्तर माध्यमिक के लिए M .A .स्तर का होगा। माध्यमिक स्तर  की परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र का विभाजन चार भागों में किया गया है :-                                            1 .इतिहास                         25  अंक                                            2 .भूगोल                            25 अंक                                     

बाल केंद्रित शिक्षण UPTET CTET BIHAR STET EXAMINATION 2019

  B बाल  विकास           1 .बाल विकास की अवधारणाएं           2 . वंशानुगत एवं वातावरण का प्रभाव           3 .बालकेन्द्रित प्रगतिशील शिक्षा           4 .बुद्धिनिर्माण एवं बहुआयामी शिक्षा           5 . वैयक्तिक भिन्नता            6 . भाषा एवं चिंतन           7 . मूल्याङ्कन  बाल केंद्रित शिक्षा UPTET CTET BIHAR STET EXAMINATION 2019

BIHAR STET EXAMINATION 2019

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ईश्वरीय सिंहासन और बहिश्त की प्रतिकृति - ताज़महल

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                                                                इमेज़ :गूगल मुग़ल वास्तुकला का अंतिम और सर्वोत्कृष्ट चरण शाहजहां के काल में आरम्भ हुआ। बादशाह की रूचि को ध्यान में रखकर कलात्मक सृजन को सरंक्षण दिया गया। इसके काल में लाल पत्थरो का स्थान संगमरमर ने ले लिया फलस्वरूप शाजहाँ का काल संगमरमर काल के नाम से प्रसिद्द हो गया। इस काल की विशेषता भव्यता और मोहकता है। शाहजहाँ के काल में बनायीं गयी समस्त भवनों में सबसे सुन्दर ताजमहल है जो कि मुग़ल काल की अद्वितीय रचना है. सगमरमर का बना यह विश्वविख्यात मक़बर आगरा में यमुना के तट पर बना है। इसका निर्माण शाहजहाँ की प्रिय बेगम अर्जुमंद बानू बेगम की याद में किया गया हैतथा इसका नाम बेगम के लोकप्रिय   नाम मुमताज महल पर रखा गया है। मकबरे के वास्तुकार को लेकर इतिहासविदों में मतैक्य नहीं है.एक विचारधारा के अनुसार इसका निर्माण वेनिस के चाँदी और आभूषणों के शिल्पकार गैरिनिमो वैरोनियो ने किया जो मुग़ल साम्राट की सेवा में था इस विचारधारा के प्रवर्तक फ़ादर मेनरिक थे।स्मिथ ने भी इस मत का समर्थन किया है तथा इसे एक यूरोपीय कृति बताई है।  दूसरी विचारधारा