ईश्वरीय सिंहासन और बहिश्त की प्रतिकृति - ताज़महल
इमेज़ :गूगल मुग़ल वास्तुकला का अंतिम और सर्वोत्कृष्ट चरण शाहजहां के काल में आरम्भ हुआ। बादशाह की रूचि को ध्यान में रखकर कलात्मक सृजन को सरंक्षण दिया गया। इसके काल में लाल पत्थरो का स्थान संगमरमर ने ले लिया फलस्वरूप शाजहाँ का काल संगमरमर काल के नाम से प्रसिद्द हो गया। इस काल की विशेषता भव्यता और मोहकता है। शाहजहाँ के काल में बनायीं गयी समस्त भवनों में सबसे सुन्दर ताजमहल है जो कि मुग़ल काल की अद्वितीय रचना है. सगमरमर का बना यह विश्वविख्यात मक़बर आगरा में यमुना के तट पर बना है। इसका निर्माण शाहजहाँ की प्रिय बेगम अर्जुमंद बानू बेगम की याद में किया गया हैतथा इसका नाम बेगम के लोकप्रिय नाम मुमताज महल पर रखा गया है। मकबरे के वास्तुकार को लेकर इतिहासविदों में मतैक्य नहीं है.एक विचारधारा के अनुसार इसका निर्माण वेनिस के चाँदी और आभूषणों के शिल्पकार गैरिनिमो वैरोनियो ने किया जो मुग़ल साम्राट की सेवा में था इस विचारधारा के प्रवर्तक फ़ादर मेनरिक थे।स्मिथ ने भी इस मत का समर्थन किया है तथा इसे एक यूरोपीय कृति बताई है। दूसरी विचारधारा