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हैंदव धर्मधारक छत्रपति शिवाजी महाराज

17वीं शताब्दी की शुरुआत में पश्चिमी भारत में  एक नए योद्धा वर्ग का उदय हुआ ,इस नए उदीयमान योद्धा मराठों को  छत्रपति शिवाजी महाराज  (1630-1680 ई.)का कुशल नेतृत्व मिल रहा था.शिवाजी इस समय  भारत   के एक महान राजा एवं रणनीतिकार के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके थे. जिन्होंने 1974   ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य   की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष  तक औरंगजेब  के मुगल सम्राज्य   से संघर्ष किया। सन् 1674 में रायगढ़   में उनका राज्यभिषेक हुआ और वह "छत्रपति" बने।छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्द्या  में अनेक नवाचार किये तथा छापामार   (Gorilla War) की नयी शैली (शिवसूत्र  ) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू  राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और  फारसी   के स्थान पर मराठी  एवं सस्कृत   को राजकाज की भाषा बनाया। शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी, 1630 में शिवनेरी दुर्ग  में हुआ था। शाहजी भोसले की पत्नी जीजाबाई  (राजमाता जिजाऊ) की कोख से शिवाजी