इतिहास के स्मरणीय तथ्य

1.आदमगढ़ (मध्यप्रदेश)और बगौर से पशुपालन का प्राचीनतम साक्ष्य 5000ई. पूर्व में प्राप्त हुआ था .
2.भीमबेटका मे पुरापाषाणकाल,मध्यपाषाणकाल और नवपाषाणकाल के चित्र प्राप्त हुए है .
3.मिर्जापुर (बेलानघाटी ) तथा विन्ध्य पर्वत के उत्तरी छोर पर पुरापाषाणकाल की तीनों अवस्थायें मिली है .
4.भारत में केवल चिरांद से हड्डियों के औजार मिले है.ये औजार हिरण के हड्डियों से बने है.
5.बुर्जहोम (कश्मीर )की कब्रों में पालतू कुत्ते अपने मालिक के शवों के साथ दफनाए हुए मिलते है .
6.महाराष्ट्र में लोग मृतक को कलश में रखकर अपने घर में फर्श के अन्दर उत्तर -दक्षिण दिशा में गाड़ते थे .कब्र में मिट्टीकी हंडियांऔर ताम्बे की कुछ वस्तुएं भी रखी जाती थी ,जो परलोक में मृतक के इस्तेमाल के लिए रखी जाती थी .
7.गणेश्वर (राजस्थान )से मिली कुछ ताम्बे की वस्तुएं सिन्धु स्थल से मिले वस्तुयों की आकृतियों से मिलती-जुलती  है .गणेश्वर मुख्यतः हड़प्पा को ताम्बे की वस्तुयों की आपूर्ति करता था .गणेश्वर को ताम्र नगरी भी कहा जाता है .
8.चित्रित मृदभांडों के प्रथम प्रयोगकर्ता ताम्रपाषाणकालीन लोग थे .सर्वप्रथम ताम्रपाषाण जनों ने प्रायद्वीपीय भारत में बड़े – बड़े गाँव बसाये .
सबसे बड़ी ताम्र -निधियां मध्यप्रदेश के गुन्गेरिया से प्राप्त हुयी है .इनमे 424 ताम्बे के औजार एवं  हथियार तथा 102 चांदी के पत्तर है.
9.कुम्भकारी का प्रचलन सर्वप्रथम नवपाषाणकाल में दिखाई पड़ता है .इस काल के लोग स्थायी घर बनाकर रहने लगे थे .
10.मानव के प्रारूपों का सबसे पहला विवरण इलाहबाद के निकट सराय नाहर राय, बागईखोर  और लेखानियाँ से मध्यपाषाण युग का मिलाता है .
11.ऐतिहासिकअभिलेख 3000 ई.पूर्व के पहले के नहीं मिलते है.3000 ई.के  पूर्व के इतिहास को प्राक इतिहास  और  इसके बाद के इतिहास को आद्य इतिहास कहा जाता है 13.आरंभिक हड़प्पा सभ्यता के उदभव से पहले कृषक समुदाय के उत्पति का प्राचीनतम साक्ष्य 5000 ई.पूर्व में मेहरगढ़ से प्राप्त हुआ है .

14.आरंभिक हड़प्पा काल के लीवन नामक स्थान से पत्थर के औजार बनाने वाले एक बहुत बड़े कारखाने का पता चला है .

15.पंजों में सर्प को दबाये गरुड़ की आकृति नाल संस्कृति में मिली है .

16.हड़प्पा सभ्यता के बारे में पहली बार चार्ल्स मैसन ने 1826 ई.में जिक्र किया था ,1831में एलेक्जेंडर बर्न्स ने यहाँ नगर के नदी वाले  किनारे पर किले के खंडहर देखे.लेकिन सिन्धू सभ्यता की बस्तियों के बारे में पहली पुरातात्विक रिपोर्ट 1875 ई. सर एलेक्जेंडर कनिंघम ने लिखी थी.सर जॉन मार्शल की प्रेरणा से और निर्देशन में 1920 के दशक में मोहनजोदड़ो  और हड़प्पा का उत्खनन प्रारंभ हुआ .

17.हड़प्पा सभ्यता की बस्तियों को अधिकतर गुलाबी रंग के मिटटी के बर्तनों से पहचाना जाता है .

18.फेयर सर्विस ने मोहनजोदोड़ो की जनसँख्या 41 हजार 250 बताई है .

19.हड़प्पा सभ्यता में राजधानी नगर जिसमे दुर्ग पाए गए है वे है ;मोहजोदड़ो,हड़प्पा ,और कालीबंगन .

20.मोहनजोदडो का विशालतम  भवन अन्नागार था,55*37मी.आकारवाले अन्नागार में 27 विभिन्न खंड बने हुए थे .

21.लोथल से तीन युग्मित समाधियों के उदहारण मिले है ;जिससे इस कल में सतीप्रथा होने का अनुमान लगाया जा रहा है .

22.धौलाबीरा में पानी रोकने के लिए बाँधों ने निर्माण का साक्ष्य मिला है ,यह आधुनिक नहर प्रणाली  का बेहतरीन नमूना है .

23.धौलाबीरा दो बरसाती नदियों मनसर एवं मनहर के किनारे बसा हुआ है .यहाँ की नगर योजना आयताकार थी .रक्षा प्राचीर के अन्दर तीन  प्रकार की बस्तियां बसी हुयी थी ,जो किसी हड़प्पायी स्थल से प्राप्त नहीं हुयी है .

24.कालीबंगन से जुटे हुए खेत का साक्ष्य मिला है .पूर्व से पश्चिम की ओर कुंद से कुंद का फासला 30 सेमी .है .

25.कालीबंगन से आयताकार अग्निकुंन्ड़ो के साक्ष्य मिले है .यहासे एक ऐसा प्लेटफार्म मिला है जिस पर 7 वेदिकाएं  बनीं हुयी है .

26.सुतकोताडा से  घोड़े का जीवाश्म (FOSSILS) पाए गए है .यहाँ से शौपिंग काम्प्लेक्स के साक्ष्य भी मिले है .

27.हरियाणा स्थित कुणाल से चाँदी के दो मुकुट मिले है,जो किसी राजतंत्रीय व्यवस्था के संकेत देते है .

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